कोरोना के भय एने,सतावे ओने गरमी
सांसत में जान परल,बुझे ना बेशरमी
रोंआ-रोंआ,गतरे-गतर ई जराई ,
कइसन महामारी कछु समुझे ना पाईं ।
अकेले तऽ घरवा में डंसेले दुपहरिया
राते-दिने खोबसन लगावेले बयरिया
कवन-कवन हाल हम कहि के बताईं।---
कतीनन के काम ई,छोड़वलस बेदरदी
थाना के सिपाही घुमत बाड़ऽ कसि के वरदी
लागत बा कि हाड़-मांस भूखे अंइठाई।- -
अगिया-बैताल होलऽ,करीं जब बतिया
निठुरे अनाड़ी होला, मरदा के जतिया
'कोरोना के जोधा' जान तोहरे कारन जाई।- -
पैदल तू चलि के आवऽ, भेजऽ जनि सनेस हो
उभ-चुभ करत बा जिया, लागल बा अनेस हो
लागता कि F.I.R अबकी तोहरे पऽ लिखाई
'ललकी टोपीवाला' हतेयार् तू कसाई ।- -